दोस्त ने ही की थी त्रिभुवन की हत्या, शराब पीने के दौरान हुआ था झगड़ा
दोस्त ने ही की थी त्रिभुवन की हत्या, शराब पीने के दौरान हुआ था झगड़ा संतकबीरनगर के महुली थाना क्षेत्र के जमिरा निवासी राजगीर त्रिभुवन की हत्या के मामले का मंगलवार को पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त डंडा सहित गांव के निवासी दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से त्रिभ…
कोरोना से बचने के लिए होम्योपैथी अस्पताल में उमड़ रही भीड़
कोरोना से बचने के लिए होम्योपैथी अस्पताल में उमड़ रही भीड़ कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला अस्पताल परिसर में स्थित राजकीय होम्योपैथी अस्पताल में भीड़ उमड़ रही है। यहां आर्सेनिक एल्बम-30 दवा निशुल्क बांटी जा रही हैं। इसे लेने के लिए 400 से अधिक लोग रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ इसे सुबह खाली प…
व्‍यवसायी से लूट की कोशिश मामले में पुलिस के हाथ तीन दिन बाद भी खाली
व्‍यवसायी से लूट की कोशिश मामले में पुलिस के हाथ तीन दिन बाद भी खाली व्यवसायी से लूट की कोशिश के मामले में गुलरिहा एवं पिपराइच पुलिस ने तीन दिनों में करीब दो दर्जन से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की पर अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। पिपराइच पुलिस ने लूट की कोशिश का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है। पिप…
दहेज हत्या के जुर्म में पति और सास को दस साल की सजा
दहेज हत्या के जुर्म में पति और सास को दस साल की सजा दहेज के लिए हत्या किए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद बल्लभ शर्मा ने मृतका के पति अवध नारायण सिंह व सास सोरेवा देवी को दस साल की कठोर कैद तथा चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर अभियुक्तों को …
पत्नी, पैसा और ‘वो के फेर में हुई रणजीत की हत्या!
पत्नी, पैसा और ‘वो के फेर में हुई रणजीत की हत्या! हिन्दू नेता रणजीत बच्चन की हत्या की गुत्थी सुलझाने में लखनऊ के साथ ही गोरखपुर क्राइम ब्रांच भी जुटी है। पत्नी, पैसा और ‘वो के विवाद में हत्या की आशंका पर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। इसमें पुलिस गोरखपुर के तीन संदिग्धों को तलाश रही है। हालांकि, हिन…
पैसा मिल जाए तो ट्रक नहीं रोकते थे अफसर, चाहे कुछ भी लोड हो
पैसा मिल जाए तो ट्रक नहीं रोकते थे अफसर, चाहे कुछ भी लोड हो हाईवे पर समानांतर आरटीओ दफ्तर चल रहा था। ढाबे पर रिश्वत देकर ओवरलोड ट्रक फर्राटा भरते थे। जांच तो दूर, उन्हें रोका तक नहीं जाता था। बस डायरी में अफसर और उनके करीबी कर्मचारी यह चेक करते थे कि उस ट्रक का पैसा गैंग के पास जमा है या नहीं। अगर …